शोर (Noise)
इस भयानक शोर में ,
जिसकी ताक़त दिन ब दिन ,
बुलंदी की ओर जा रही है ,
मुझे अपनी ही आवाज़ ------
अपरिचित सा लग रहा है।
आप मेरे परिचित है ,
आपको शिकायत है कि !
मैंने मुड़ के देखा ही नहीं था ,
आपके पुकारने पर।
क्या आप जोर देकर कह सकते हैं कि ,-------
अपने मुझे पुकारा था ! नहीं।
अपने जरूर पुकारा होगा ,
कई बार पुकारा होगा ,,
लेकिन मुझे नहीं , शोर को।।
क्षमा कीजिये ,
मुझे चुप रहने दीजिये।।
मैं शोर को बढ़ने में , मदद ,
नहीं कर सकता।
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(WHY WE ARE NOT SERIOUS ABOUT NOISE POLLUTION. WE MUST NOW. OTHERWISE, IN THE FUTURE, DEAFNESS AND HEART AILMENTS WILL PUNISH US..)
By Rabindranath Banerjee(Ranjan)