खद्दर (Attire Of Indian Leaders)
रक्ताक्त हाथ ,
और शुभ्र गात है तुम्हारे ,
कहे कौन--
और सुने कौन?
इसीलिये,
मैं भी कहता चला,
गाने के संग--
रोता भी चला,
पता नहीं अश्रु-----
देखेगा कौन ?
(SMILE ON THE FACE AND DAGGER CONCEALED INTO THE SLEEVE.)
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रबीन्द्रनाथ बनर्जी ( रंजन )