अध्ययन (Study)
कालकवलित चेहरे ,
महानगरी की शोभा ,
तुलनात्मक अध्ययन करें आप ।
दूरदर्शन की झांकी ,
एक याचक की लावारिश लाश ,
नपुंशक बन देखा करें आप ।
सोमरस की महफ़िल में ,
गरम गोश्त को चखने में ,
ज़ईफ़ी को रंगीन बनाया करें आप ।
आलीशान होटलों में ,
नीले प्रकाश के अंधेरें में ,
अपने ही घर की इज़्ज़त को ,
दफनाया करें आप ।
चांदनी को चुरा कर ,
भोगना क़ैद कर ,
क्या हश्र होगा जब ,
देखेंगे चढ़ता सूरज आप ।।
(THIS IS A VERY CRUEL TRUTH THAT, THIS ERA HAS LOST, SENSIBILITY, MORALITY, COMPASSION, KINDNESS AND ABOVE ALL TO READ A SITUATION. FACT THAT WE HAVE BECOME GREEDY. THERE IS NO SATISFACTION REMIANS IN OUR MIND. AND RESTLESSNESS HAS HYPNOTIZED US. REMEDY? STUDY.
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By Rabindranath Banerjee